जिंदगी कैसी जीनी चाहिए सिखाएगी ‘बिफोर यू डाई’

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-आईलिड कॉलेज की अनोखी पेशकश 
कोलकाता, (नि. स.)I मनुष्य की ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं होता. कब मौत आ जाए इसकी चिंता किये बगैर मनुष्य जीते जी अपने सपनों को पूरा करने की सोचें, यही संदेश देगी मेरी आनेवाली हिंदी फिल्म ‘बिफोर यू डाई’.

जी हां, निर्देशक शुभेंदु राज घोष अब आईलीड कॉलेज के साथ मिलकर एक बॉलीवुड फिल्म ‘बिफोर यू डाई’ का निर्देशन करेंगे. गत मंगलवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शुभेंदु राज घोष ने उपरोक्त बातें कही. इस फ़िल्म में प्रदीप चोपड़ा, मुश्ताक़ खान, मुकेश ऋषि, काव्या कश्यप, आरहा महाजन और पुनीत राज शर्मा को अभिनय करते देखा जाएगा. फ़िल्म के निर्माता आईलिड कॉलेज के चैयरमैन प्रदीप चोपड़ा हैं. फ़िल्म की शूटिंग आगामी 22 अगस्त 2021 से शुरू होनेवाली है. पश्चिम बंगाल के अलावा फ़िल्म का कुछ हिस्सा गोवा में शूट किया जाएगा. फ़िल्म अगले साल 14 फरवरी 2022 में रिलीज़ होगी.

मौके पर फ़िल्म का फर्स्ट लुक भी जारी किया गया.
शुभेंदु से जब यह पूछा गया कि फ़िल्म में नए कलाकारों को शामिल किया गया है, इनसे कितनी उम्मीदें रखते हैं, के जवाब में उन्होंने कहा, यह एक प्रेम कहानी है और नई जोड़ियों के साथ यह जंचती भी है. दूसरा, मैं हमेशा नए लोगों को मौका देने में विश्वास रखता हूँ.

‘प्रदीप चोपड़ा ने मेरी फिल्म मैं मुलायम देखी थी. फ़िल्म उन्हें अच्छी लगी. आगे चलकर वे एक कांसेप्ट लेकर मेरे पास आये. फिर क्या था अब फ़िल्म की तैयारी में जुट गया हूं,’ जी हां, शुभेंदु से जब यह पूछा गया कि आईलिड कॉलेज के साथ आप किस तरह से जुड़ गए, के जवाब में उन्होंने उपरोक्त बातें कही.
मौके पर प्रदीप चोपड़ा ने कहा, अगर बच्चे फ़िल्म स्टडीज़ के लिए हार्वर्ड, किंग्स्टन इत्यादि यूनिवर्सिटियों का रुख करने के बजाय आईलिड कॉलेज में दाखिला लें, तो मैं समझूँगा कि मेरी ज़िंदगी सार्थक हो गई है. इसलिए मैं इस फ़िल्म को प्रोड्यूस कर रहा हूँ. और मैं ये समझता हूं कि फ़िल्म स्टडीज़ या मीडिया स्टडीज़ का कोर्स सिर्फ लेक्चर सुनने से पूरी नहीं होती है. उसके लिए प्रैक्टिल की ज़रूरत होती है. 

उन्होंने आगे कहा, दूसरी तरफ फ़िल्म की कहानी काफी नाज़ुक है. यह मुझे मशहूर बिजनेसमैन स्टीव जॉब्स की याद दिलाती है, उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अपने एक भाषण में कहा था, मुझे पैंक्रिएटिक कैंसर है और इस बात का जब मुझे पता चला, तो मुझे एहसास हुआ कि ज़िन्दगी कितनी छोटी है. ज़िन्दगी का तात्पर्य समझ में आ गया. तब मैंने सोचा कि मुझे ऐसा कुछ करना चाहिए जिसके कई तातपर्य हो. उस दिन से लगने लगा था कि आज मेरा अंतिम दिन है और मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देना है. 

चोपड़ा ने कहा, इसलिए मैं समझता हूं कि हर किसी को यही सोचनी चाहिए कि आज उसका अंतिम दिन है, जो भी उसे करना है, उसे वह चीज़ कर लेनी चाहिए. इससे ज़िन्दगी और भी उत्कृष्ट हो जाती है.

चोपड़ा ने आगे कहा, नए लोगों को मौका देना भी मैं अपना कर्तव्य समझता हूं. इस फ़िल्म की बदौलत नए लोगों को काम मिलेगा.

आपको बता दें, पूरे विश्व मे आईलिड ही एकमात्र कॉलेज है, जो फ़िल्म स्टडीज कोर्स के साथ-साथ एक फ़िल्म का निर्माण कर रही है.

दूसरी तरफ कार्यक्रम के दौरान उपस्थित फ़िल्म से जुड़े एक कलाकार मुकेश ऋषि ने फ़िल्म में अपने किरदार के बारे में बातचीत करते हुए कहा, इस फ़िल्म में मैं एक बिज़नेसमैन का किरदार निभा रहा हूं. जो काफी समय बाद अपने एक पुराने दोस्त से मिलता है, जो परेशानियों से जूझ रहा होता है. लेकिन अपनी ईगो के चलते उससे मदद लेने से परहेज़ करता है.
मुकेश ने आगे कहा, इस फ़िल्म में आपको रिश्तों की बारीकियों को समझने का मौका मिलेगा.

मुकेश ने महानगर के बारे में बातचीत करते हुए कहा, बॉम्बे फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए कलकत्ता हमेशा से खास रहा है और रहेगी भी. कुछ दिनों पहले मैं यहां एक तेलेगु फ़िल्म की शूटिंग के लिए आया था. यहां एक अपनापन सा लगता है. शाम को पब का म्यूजिक इत्यादि बॉम्बे के कल्चर से मिलती-जुलती है.
जाते-जाते मुकेश ने अपनी ही फ़िल्म गुंडा का फेमस डायलॉग ‘मेरा नाम है बुल्ला, रखता हूँ खुल्ला’ सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया.

वहीं मौके पर अभिनेता मुश्ताक खान ने कहा, इस फ़िल्म में मैं एक कॉलेज़ प्रिंसिपल के किरदार में हूँ, जो आगे चलकर फ़िल्म की नायिका, जो कि एक कठिन बीमारी से जूझ रही होती है, उससे इमोशनली एटैच हो जाता है.

उन्होंने आगे कहा, इस फ़िल्म के ज़रिये आपको ज़िन्दगी किस तरह से जीनी चाहिए यह सीखने को मिलेगी.
बताते चलें कि जाते जाते मुश्ताक़ खान ने अपनी ही फ़िल्म ही वेलकम का एक डायलॉग सुनाया.

दूसरी तरफ फ़िल्म के एक और कलाकार पुनीत राज शर्मा ने इस फ़िल्म से जुड़ने की खुशी जाहिर करते हुए कहा, दरअसल मैं एक थिएटर का बन्दा हूँ. मुम्बई आने के बाद मैं फ्लिपकार्ट की एक वेब शो जो कि एक क्राइम थ्रिलर है, वो कर रहा था. उस दौरान मेरे एक सह-कलाकार ने निर्देशक शुभेंदु राज घोष का नम्बर दिया था. आगे चलकर मैं उनके पास ऑडिशन देने के लिए चला गया. ईश्वर की दया से सलेक्ट भी हो गया.

‘यह एक इमोशनल फ़िल्म है. मेरा जो किरदार है, वह एक कठिन बीमारी से जूझ रही होती है. इस वजह से वह अपने जज्बातों और दर्द को बयां नहीं कर पाती है. कहानी कुछ ऐसी ही है. इस फ़िल्म में अभिनय करना मेरे लिए काफी चैलेंजिंग होगा,’  जी हां, मौके पर इस फ़िल्म की नायिका काव्या कश्यप ने फ़िल्म में अपने किरदार को बयां करते हुए कुछ ऐसी ही बातें कही.

आपको बता दें काव्या ज़ी-5 में प्रसारित होनेवाली लालबाजार जैसी हिट वेब शो कर चुकी हैं.

इस अवसर पर संजीव तिवारी, प्रज्ञा चोपड़ा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे.

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