साइकोलॉजिकल थ्रिलर जो आपको सोचने पर मजबूर करेगी

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कोलकाता,(नि.स.)l कमलेश्वर मुखर्जी निर्देशित साइकोलॉजिकल थ्रिलर अनुसंधान का गत बुधवार को महानगर स्थित साउथसिटी आइनॉक्स में प्रीमियर हुआ. इस फ़िल्म में चूर्णी गांगुली, शाश्वत चटर्जी, प्रियंका सरकार, पायल सरकार, जयदीप मुखर्जी, प्रियंका मंडल और रिद्धि सेन हैं. फ़िल्म का निर्माण एसके मूवीज के बैनर तले किया गया है. संगीत अनुपम रॉय ने दिया है. फ़िल्म 3 दिसंबर 2021 से सभी सिनेमाघरों में दस्तक देगी.

फ़िल्म की कहानी: फ़िल्म की कहानी इंद्र चक्रवर्ती(शाश्वत चटर्जी) से शुरू होती है, जब वह दुर्गा पूजा के दौरान बिज़नेस ट्रिप पर बर्मिंघम जाता है. तूफानी रात थी और अंधेरे की वजह से रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो जाता है. आगे चलकर वह एक मेन्शन में पनाह लेने के लिए पहुंचता है, जहां उसकी मुलाकात एक वकील परिवार से होती है. रहस्य और भी गहराता है जब जयदीप मुखर्जी अद्भुत तरीके से इंद्र का स्वागत करता है, और बताता है कि यहां जितने भी लोग आते हैं, वे इस घर में रह रहे सारे लोगों से अद्भुत तरीके से जुड़ जााते हैैं. इस भयानक परिवार में एक जज (चूर्णी गांगुली), एक पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (रिद्धि सेन), एक डिफेंस काउंसिल (प्रियंका सरकार) और एक जेलर(जयदीप मुखर्जी) है, जो इंद्र को एक गेम खेलने के लिए आग्रह करता है. इंद्र वाकई विस्मित हो जाता है. थोड़ी बहुत निराशा के साथ वह मॉक ट्रायल में विक्टिम का किरदार निभाने के लिए तैयार हो जाता है. आगे चलकर इंद्र अपने आप को दोषी पाता है. और अपना जुर्म कबूल कर लेता है. यह कोर्ट उसे फांसी की सजा सुनाती है. अब आगे क्या होता है इसके लिए आपको थियेटर जाकर फ़िल्म देखनी होगी.

कैसी लगी फ़िल्म: कहानी वाकई असाधारण है. इसका स्क्रीनप्ले आसमान की ऊंचाइयां छूती है. शाश्वत ने काफी नेचरल एक्टिंग की है. लम्बे डायलॉग्स को इस तरह से पेश किया जैसे कि मानों उन्होंने पर्दे पर इस किरदार को जिया है.  रिद्धि ने भी शाश्वत के विपरीत लंबे डायलॉग्स बोलने के साथ-साथ बढ़िया तालमेल रखा. वही चूर्णी गांगुली, जयदीप मुखर्जी और प्रियंका सरकार ने अपने चरित्र के साथ उपयुक्त न्याय किया है. दूसरी तरफ प्रियंका और पायल सरकार छोटे किरदारों में अच्छे लगे. पायल की अदाएं इस फ़िल्म को और चार चाँद लगाती है. फ़िल्म की शूटिंग लंदन में हुई है, जो आपकी आंखों को सुकून पहुंचाएगी. निर्देशक कमलेश्वर मुखर्जी ने बखूबी हर एक किरदारों से सौ प्रतिशत काम निकलवाया है. वे जानते हैं किस्से क्या और कितना करवाया जा सकता है. फ़िल्म में अनुपम रॉय का एक गीत है, जिसे सुनकर आप झूमने लगेंगे, इतना दावे के साथ कहा जा सकता है. फ़िल्म एंगेजिंग है. यह आपको अपनी सीट से बंधे रखेगी.

प्रीमियर के दौरान फ़िल्म से जुड़े सभी कलाकार मौजूद थे.

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