इस फ़िल्म को देखने के बाद मैं काफी देर तक रोइ थी

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कोलकाता,(नि.स.)l प्रसिद्ध अभिनेत्री रितुपर्णा सेनगुप्ता ने कहा है कि कुछ एक फिल्में ऐसी होती है जो दिल में जगह बना लेती है. हम उसी आघोष में कई सालों तक जीते हैं. मेरे लिए इंद्राशीष आचार्या निर्देशित बांग्ला फ़िल्म बिलू राक्खोश ऐसी ही एक फ़िल्म है. जी हां, हाल ही में बिलू राक्खोश को लेकर कोलिकाता लेटरप्रेस ने एक किताब का विमोचन किया है, और उसी कार्यक्रम को सम्बोधित करती हुई रितुपर्णा ने उपरोक्त बातें कही. इस किताब में फ़िल्म की पूरी पठकथा ही नहीं बल्कि उससे जुड़ी खबरें भी हैं.

रितुपर्णा ने आगे कहा, इस कार्यक्रम में शरीक होकर मुझे अत्यंत खुशी मिली है. हालांकि इस फ़िल्म में मैंने कोई भी किरदार नहीं निभाया है. मैं समझती हूं, सिर्फ किसी फिल्म में एक किरदार निभाने से ही उससे जुड़ना नहीं होता है, बल्कि उस फ़िल्म की वजह से जो आप उपलब्धियां करते हैं, उससे भी खुद को फ़िल्म से जोड़ा जा सकता है. रितुपर्णा ने कहा, इंद्राशीष ने मुझे इस फ़िल्म को देखने के लिए आग्रह किया था. जब मैंने इस फ़िल्म को देखा, तो उस समय मैं दुःखी चल रही थी. फ़िल्म को देखने के बाद मैं काफी देर तक रोइ थी. शायद मैने इस फ़िल्म के ज़रिए किसी दर्द को महसूस किया था. रितुपर्णा का कहना है, अब यह फ़िल्म एक डॉक्यूमेंट के आधार पर आ रही है. इस वजह से बांग्ला सिनेमा की विरासत आगे तक जाएगी. रितुपर्णा का कहना है, इस किताब में मुझे भी कुछ लिखने का मौका दिया गया है. इसमें मैंने अपनी उपलब्धियों को साझा किया है.

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