किडनी डोनेट करने से कोई मर नहीं जाता: डॉ. राजीव सिन्हा

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कोलकाता,(नि.स.) l डॉ. राजीव सिन्हा, कन्सलटेंट-पेडियाट्रिक नेफ्रोलॉजी, कलकत्ता मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट(सीएमआरआई) का कहना है कि अगर किसी की किडनी खराब हो जाती है, तो उसे डायलेसिस पर रखा जाता है. लेकिन मेरा मानना है कि डायलिसिस इज़ ए नेसेसरी पॉइज़न. ज़्यादा दिनों तक डायलिसिस कोई भी इंसान नहीं ले सकता. ऐसे केसेस में किडनी ट्रांसप्लांट ही सबसे बेहतर ऑप्शन साबित होती है. और किडनी डोनेट करने से कोई मर नहीं जाता. जी हां, सोमवार को कलकत्ता मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट(सीएमआरआई) के 52 साल पूरे होने की खुशी में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन  किया गया था, उस दौरान डॉ. राजीव सिन्हा ने उपरोक्त बातें कही. 

मौके पर उन्होंने अपने 10 साल के मरीज सागर जाना के बारे में बातचीत करते हुए कहा, सागर जब पहली बार सीएमआरआई में आया था, उसकी किडनी फेल हो चुकी थी. हमने उसे किडनी ट्रांसप्लांट करने की हिदायत दी. सागर की मां ने किडनी डोनेट किया और सर्जरी के ठीक एक महीने बाद वह चल फिर रहा है.

वहीं डॉ.अनुपम गोलाश, जिन्होंने कुछ समय पहले श्रीयानको दत्ता की कटी हुई उंगलियों को फिंगर री इम्प्लांट सर्जरी द्वारा जोड़ा था, ने कहा, आज श्रीयानको पूरी तरह से ठीक है और वह बढ़िया पेंटिंग भी कर रहा है. डॉ. अनुपम गोलाश ने कहा, सीएमआरआई में अबतक सबसे ज़्यादा क्रिटिकल सर्जरीज़ हुई हैं. और हमारे यहां सही इंफ्रास्ट्रक्चर भी है. इसलिए हम पर सभी भरोसा करते हैं.
दूसरी तरफ डॉ. राजा धर(डायरेक्टर ऐंड एचओडी, पलमोनोलॉज़ी) ने अपनी मरीज़ गणेश मजूमदार के बारे में बातचीत करते हुए कहा, गणेश के गले में ट्यूमर था और उनकी बायोप्सी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई थी. हमारे यहां ट्रीटमेंट के बाद आज वह पूरी तरह से स्वस्थ है.कृष्णा चक्रवर्ती की घुटनों की समस्या थी, रोबोटिक सर्जरी द्वारा हमने उनको चलने फिरने के काबिल बनाया, जी हां, मौके पर डॉ. राजेश राजपूत, डायरेक्टर ऐंड एचओडी, आर्थोपेडिक्स, ने कुछ ऐसी ही बातें कही. डॉ. सुमन मित्रा ने भी अपनी एक पेरलाइज़्ड पेशेंट के ठीक होने की कहानी बताई.

मौके पर डॉ. सिमरदीप गिल, सीईओ, सीके बिड़ला हॉस्पिटल्स ने कहा, सबसे कठिन चुनौतियों के बीच भी हमारा अस्पताल अपना सर्वोच्च योगदान देता आ रहा है. इस अवसर पर पियाशी रॉयचौधरी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे.

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