बंगाल एक्सीलेंस अवार्ड सीज़न-2 सम्पन्न

Spread the love

जो सम्मान आज मुझे मिला है उसे बरकरार रखने की कोशिश करूंगी: अन्वेषा हाजरा

कोलकाता, (नि.स) l ज़ी बांग्ला चैनल में प्रसारित होनेवाली धारावाहिक एई पथ जोदी ना शेष हय फेम अभिनेत्री अन्वेषा हाजरा ने बंगाल एक्सीलेंस अवार्ड मिलने की खुशी में कहा है, एकदिन मैं इस अवार्ड को पाने की योग्यता ज़रूर हासिल करूंगी. मैं नहीं समझती कि इसका असली हक़दार मैं ही हूं. इसलिए मुझे मेरे अभिनय में और भी निखार लानी होगी. ताकि एकदिन मुझे लगे कि वाकई मुझे मेरे काम के लिए अवार्ड मिलनी चाहिए. जी हां, गत सोमवार को महानगर स्थित आईसीसीआर में गीतांजलि द्वारा आयोजित बंगाल एक्सीलेंस अवार्ड सीज़न-2 में शरीक होने आई अभिनेत्री ने कुछ ऐसी ही बातें कही.

आपको बता दें, अन्वेषा के अलावा यह अवार्ड संगीतकार कल्याण सेन बराट, डॉ. कुणाल घोष, कोरियोग्राफर सुदर्शन चक्रवर्ती, एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल विजेता शिबनाथ दे सरकार, संगीतकार कौशिक होसैन तापोश, जर्नलिस्ट जीवनानन्द बोस, अभिनेता पराण बंद्योपाध्याय, शुभमय चटर्जी, मिठाई निर्माता-नवीन चंद्र दास, आईएलएस अस्पताल और कालीघाट मंदिर को दिए गए.

मौके पर सुब्रत सिन्हा, ट्रेजरर, गीतांजलि ने कहा, समाज में कुछ ऐसे लोग तथा संस्थाएं हैं, जिनको कभी उनके काम के एवज़ में किसी भी तरह का सम्मान नहीं मिला है. हमारी संस्था इसी विषय पर काम करती है.

उन्होंने आगे कहा, मसलन के तौर पर कालीघाट मंदिर एक हेरिटेज प्रॉपर्टी है. हमने मंदिर को स्वीकृति दी है. वहीं बंगाल को रसगुल्ले के लिए जीआई स्टेटस मिला है, इसलिए हमने प्रसिद्ध मिठाई निर्माता नबीन चन्द्र दास को स्वीकृति देने की खातिर हमारे अवार्ड तालिका में शामिल किया है. उन्हें पुरस्कृत करना हमारे औधे से बाहर है.

दूसरी तरफ प्रसिद्ध कार्डियक सर्जन डॉ. कुणाल घोष ने कहा, आजकल जो माहौल चल रहा है अक्सर डॉक्टरों को मार खाते हुए देखा जाता है. लोग उनके उद्देश्य में गाली-गलौज भी करते हैं. ऐसे में मुझे बंगला एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया है. इस वजह से मुझे काफी खुशी है.

उन्होंने कहा, इन सब से इतर एक बात मैं अवश्य कहना चाहूंगा कि पूरी कोरोना महामारी के दौरान युवा डॉक्टरों की टीम ने जो काम किया है, मुझे लगता है कि वह तारीफे काबिल है. इसलिए समाज में जो भी ऐसा सोचते हैं कि युवा पीढ़ी किसी काम की नहीं है, तो वे अपनी सोच पर एकदिन ज़रूर पछतायेंगे.

कोविड महामारी के दौरान ऐसे अवार्ड शोज़ अक्सर उम्मीद की एक किरण जगाती है, जी हां, अवार्ड शो की होस्ट मौऊ ने उपरोक्त बातें कही.

वहीं गीतांजलि की सचिव मौमिता पांचाल ने कहा, यह हमारा द्वितीय वर्ष है. अब सारी चीजें आसान होने लगी हैं. और लोग हमसे जुड़ते चले जा रहे हैं. इससे हमें मौका मिल रहा है कि किसे हमें चुनना है और किसे नहीं.

मौके पर उपस्थित संस्था नवीन चंद्र दास का प्रतिनिधित्व कर रहें धीमान दास ने कहा, यह बड़े गर्व की बात है कि 150 साल बाद ही सही बंगाल को बांग्लार रसगुल्ला का जीआई स्टेटस मिल चुका है. हमारी संस्था ने ही भारतवर्ष में रसगुल्ले का आविष्कार किया था. और रसगुल्ला बंगालियों की शान भी है. इस वजह से मुझे खुशी है और आज मेरी संस्था को बंगाल एक्सीलेंसी अवार्ड से नवाजा जा रहा है इसकी मुझे दोहरी खुशी है.

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सोशल वर्कर काशीनाथ दास ने कहा, हाल ही मैंने 40 अनाथ बच्चों को गोद लिया है. वहीं से मैं मेरी संस्था लक्खी-काशी चैरिटेबल फाउंडेशन छात्र-निवास, लर्न एन आर्ट की शुरुआत करने जा रहा हूं. वहीं इन सभी बच्चों को रखा जाएगा और उनकी शिक्षा का भी बंदोबस्त किया जाएगा.

इस अवसर पर अवधेश सिंह, रामप्रसाद दास, रुद्र सेन, झुमकी सेन, तपन रॉय सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे.

Author