एचसीजी इको कैंसर सेंटर ने एक नए कीर्तिमान की स्थापना की

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कोलकाता, नि.स.l जैसा कि हम सभी जानते हैं, एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया (एएमएल) रक्त कोशिकाओं की माइलॉयड लाइन का कैंसर है, जो अस्थि मज्जा और रक्त में पैदा होने वाली असामान्य कोशिकाओं की तीव्र वृद्धि और सामान्य रक्त कोशिकाओं में हस्तक्षेप करने की क्षमता रखता है। लक्षणों में थकान महसूस हो सकती है, सांस की तकलीफ, आसान चोट लगने और रक्तस्राव, और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

और इसी बीच राजारहाट स्थित एचसीजी इको कैंसर सेंटर ने एक 27 वर्षीय महिला पर बॉन मैरोट्रांसप्लांट के ज़रिए उनकी एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया को ठीक कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उपस्थित डॉ. जयदीप चक्रवर्ती, हेड ऑफ द डिपार्टमेंट -हेमाटो ऑनकोलॉजी ऐंड बीएमटी, एचसीजी इको कैंसर सेंटर कोलकाता ने कहा कि  27 वर्षीय साथी कर्मकार नामक एक महिला जो एक बैंक कर्मचारी हैं, जब पीठ दर्द की समस्या को लेकर हमारे पास आई थी, तो हमने ब्लड टेस्ट के ज़रिए ये पता लगाया कि उनको एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया है. इसके बाद हमने उनको बोन मैरो ट्रांसप्लांट करवाने का सुझाव दिया. ऑपरेशन के बाद वे ठीक हो गईं.

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित डॉ. बीरेंद्र कुमार, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, एचसीजी इको कैंसर सेंटर कोलकाता से जब ये पूछा गया कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कितना खर्चा आ सकता है, के जवाब में उन्होंने कहा, 8 लाख रुपये से लेकर 40 लाख रुपये तक का खर्चा आ सकता है.

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