पूरे भारतवर्ष में 52 मिलियन लोग स्लीप डिसऑर्डर के शिकार हैं: डॉ.अरुप हालदार

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कोलकाता,(नि.स.)l अगर आपको रात में नींद नहीं आती है या आप ज़रुरत से ज़्यादा खर्राटें लेते हैं तो अब आपको चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है. महानगर के अलीपुर स्थित कलकत्ता मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट का रुख करें. क्योंकि यहां आप जैसे लोगों के लिए स्लीप लैबोरेटरी खोली गई है. जहां आपकी तकलीफों की जांच की जाएगी. और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आपकी नींद कैसे वापिस लाई जाए. शुक्रवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान डॉ. राजा धर, एचओडी, डिपार्टमेंट ऑफ पलमोनोलॉज़ी, सीएमआरआई ने उपरोक्त जानकारी दी है.

मौके पर उपस्थित डॉ. अरुप हालदार, कन्सलटेंट पलमोनोलॉजिस्ट, सीएमआरआई ने कहा, ओबेसिटी, बढ़ती उम्र, स्केलेटल प्रोब्लेम्स, दिल की बीमारी और मधुमेह की वजह से स्लीप डिसॉर्डर होने की सम्भावनाएं रहती हैं.

हालदार का कहना है, हम अपने अस्पताल में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया यानी नींद में अत्याधिक खरर्राटें लेने की जो बीमारी है, उस चीज़ को लेकर काम करते हैं. दरअसल हम यहां पर पॉलीसोम्नोग्राफी टेस्ट करते हैं, जिससे इसका सटीक कारण पता चलता है. वैसे देखा जाए तो स्लीप एपनिया 80 प्रकार के होते हैं, जो उपरोक्त टेस्ट से पता चलता है.

हालदार ने आगे कहा, पूरे भारतवर्ष में 52 मिलियन लोग स्लीप डिसऑर्डर के शिकार हैं. यानी यह आंकड़ा मौजूदा जनसंख्या की 10 प्रतिशत है. 

हालदार से जब यह पूछा गया कि क्या महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज़्यादा नींद लेनी चाहिए, के जवाब में उन्होंने कहा, उन्हें 11 मिनट ज्यादा नींद लेने की आवश्यकता है. क्यंकि महिलाओं को मल्टी टास्किंग करनी पड़ती है. उनका ब्रेन ज़्यादा देर तक एक्टिव रहता है. और उनकी कोपिंग मेकेनिज़्म भी कम होती है.

उन्होंने आगे कहा, पर्याप्त नींद नहीं लेने से जल्द बुढ़ापा आ सकता है. याद रखने की क्षमता भी आप खो सकते हैं. इसलिए आनेवाले दिनों में यह बेहद महत्वपूर्ण विषय साबित हो सकती है.

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