अंकुरहाटी जेम एन्ड ज्वेलरी पार्क
कोलकाता l वेस्ट बंगाल इंडस्ट्रियल डेवलप्मेंट कॉर्पोरेट द्वारा निर्मित अंकुरहाटी जेम एण्ड ज्वैलरी पार्क, जिसे अद्वितीय रूप से एक विशाल बहुमंज़िला पार्क, ६ एकड़ ज़मीन पर जवाहरात बनाने में सभी सुविधाओ के दृष्टिकोण से निर्मित किया गया, जिसकी पहचान सारे भारत में हुई. देश के सभी बडे निर्माताओं ने इसे अपने व्यापार को नई दिशा देनें हेतु यहाँ निवेश किया. बंगाल की हस्तशिल्प कला से बनने वाले गहनों की माँग भारत में ही नहीं पूरे विश्व में हैं. हावड़ा ज़िला इसके लिये प्रख्यात हैं, इसे देखते हुए केंद्र सरकार की इस्कीम वन ड़िस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के अन्तर्गत हावड़ा ज़िला को चुना गया, अंकुरहाटी इसी ज़िले का भाग है, टाइटन, सेनको गोल्ड एन्ड डायमंड्स जैसी विश्व विख्यात के साथ कलकता के सभी जाने माने जवाहरात कंपनियों ने अपनी फ़ैक्टरीया यहाँ लगाई. २०१८ से यह पार्क कार्यात्मक है. इसी वर्ष मालाबार गोल्ड एन्ड डायमंड ने भी एक फ़ैक्टरी(५५०० वर्ग फीट) लगाई है. यहाँ से बने गहनों को मालाबार कम्पनी के ग्राहकों ने बहुत अहमियत दी है. इसे देखते हुए कम्पनी के व्यवस्थापकों नें अपनी फ़ैक्टरी को पचास हज़ार फुट करने का निर्णय लियाहै, जिसका उद्घघाटन बंगाल की इंडस्ट्री मिनिस्टर श्रीमती डॉ. शशी पाँजा नें किया. मालाबार के चेयरमैन एम पी अहमद साब सहित कम्पनी के सभी व्यवस्थापक वहाँ उपस्थित रहे. अंकुरहाटी के अध्यक्ष अशोक बैंगानी को भी आमंत्रित किया गया, अंकुरहाटी निर्माण से जुड़े सभी मनुभाओ की उपस्थिति रही. डॉक्टर शशी पाँजा नें अपने भाषण में केरल से आई कम्पनी बंगाल में इतनी बड़ी फ़ैक्टरी लगाने की लिये धन्यवाद दिया, बंगाल हस्तशिल्पियों को उत्साहित करके उन्हें एम्प्लॉयमेंट देनें के लिये साकार द्वारा हर सुविधा देनें के लिये अस्वाशन भी दिया. मालाबार के चेयरमैन अहमद साब ने सरकार की भूरी भूरी प्रसंशा की. उन्होंने कहा, हम अपने लाभ का ५ % प्रतिशत सी एस आर करते हैं, जो एक बहुत बड़ी सोसाइटी के प्रति आत्मीयता दिखाता हैं। अशोक बैंगानी नें शिप्कारो की ट्रेनिंग बंगाल सरकार द्वारा “उत्कर्ष बँगला “ के अन्तर्गत ८० शिल्पकारों को प्रतिवर्ष देनें की सम्भावना बताई तथा सभी फ़ैक्टरी मालिकों इसमें सहयोग देनें के लिये कहाँ। लगभग ३०० व्यक्तियों के उपास्थि में उद्घाघाटन का समारोह सम्पन्न हुआ। अंकुरहाटी के वरिष्ट संचालक आर आर अग्रवाल ज्वैलर्स के चेयरमैन श्री रतनलालजी अग्रवाल नें सारी गतिविधि की सराहना की तथा वहाँ उपस्थित लगभग ३०० महानुभवों का समारोह में योगदान करने के लिये धन्यवाद दिया.