इन्होंने 5 महिलाओं के जज्बे और जुनून को किया सलाम

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महिलाएं जो अपने घर और ऑफिस दोनों को एक साथ संभाल रही है, मैं समझती हूं, यही महिला सशक्तिकरण है

हमें सहानुभूति नहीं समानता चाहिए: पौलोमी जायसवाल

महिला केंद्रित फिल्मों में अच्छे हीरों काम करना नहीं चाहते: शुभोश्री गांगुली

कोलकाता, (नि.स.)l अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष, 8 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. इसी सिलसिले को बरकरार रखते हुए पौलोमी जायसवाल, को-पार्टनर, ब्रिउहाइव, शुभोश्री गांगुली, अभिनेत्री और फलक रशीद रॉय, अभिनेत्री ने मिलकर गत रविवार को यहां अनोखे तरीके से महिला दिवस मनाया है. इस वर्ष उन्होंने पांच ऐसी महिलाओं के साथ इसका जश्न मनाया जिन्होंने अपनी ज़िंदगी में चुनौतियों का सामना करते हुए जीत हासिल की है. मसलन ऋतु नंगालिया जायसवाल, जिन्होंने अपने आप को एक नैरेटिव प्रैक्टिशनर और काउंसिलर के तौर पर प्रतिष्ठित किया है. वहीं लूना चटर्जी जो डॉमेस्टिक वॉयलेंस का शिकार हुई थीं, आज एक प्रसिद्ध फ़ूड ब्लॉगर हैं. दीपांजना दत्ता का क्या कहना, यूएस में अपना सब कुछ छोड़कर आज यहां बच्चों की कठिन बीमारियों के इलाज करने में जुट गईं हैं. वहीं काकोली विश्वास ने मेडिकल डिग्री को छोड़कर 51 वर्ष की उम्र में अपनी ब्रांड डोरा बाय फीनिक्स की स्थापना की है, इत्यादि. सबसे दिलचस्प बात तो यह है, ये सभी समाज की भलाई के लिए काम करतीं हैं. मौके पर फलक ने कहा, आज जो महिलाएं अपने घर और ऑफिस दोनों को एक साथ संभाल रही है, मैं समझती हूं, यही महिला सशक्तिकरण है. वैसे स्टोरी टेलर तथा फोटोग्राफर कौन्तेय सिन्हा एवं उनकी प्रोजेक्ट रेमेम्बरेन्स के तहत जितनी भी महिलाएं जुड़ी हुई हैं, वे सभी रियल लाइफ हैरोज़ हैं. उनमें से ही हमने कुछ महिलाओं को यहां शामिल किया है.पौलोमी ने कहा, हमें सहानुभूति नहीं समानता चाहिये और इसी मुहिम में सभी महिलाओं को शामिल करना हमारा एकमात्र लक्ष्य है.

इसलिए हम सारी औरतों को आज के दिन बुलाते हैं, जो कभी किसी भी पब में गई नहीं हैं. हम सभी एक साथ मिलकर मजे करते हैं. इस वर्ष हमने कुछ ऐसी महिलाओं को इस कार्यक्रम में शामिल किया है जिनकी कहानियां औरों को प्रेरित करेंगी. इससे महिलाओं का हौसला और बुलन्द होता है.

हमारे टॉलीवुड इंडस्ट्री में जब भी महिला केंद्रित फिल्में बनती हैं, अच्छे हीरो उसमें काम करने से मना कर देते हैं. लेकिन पुरूष केंद्रित फिल्मों में ऐसा नहीं होता है..ऐसा क्यों है, जी हां कार्यक्रम के दौरान शुभोश्री ने कुछ ऐसा ही कहा.उन्होंने आगे कहा, प्रत्येक पुरुष एवं महिला को एक दूसरे को समझते हुए जीवनयापन करना चाहिए.आपको बता दें, शुभोश्री की आनेवाली फिल्मों में धर्मयुद्ध, हाब्ज़ी गाब्ज़ी, पाखी, डॉ. बक्शी और बिस्मिल्लाह उनकी आनेवाली फिल्मों में खास हैं.

इस अवसर पर मॉडल लोपामुद्रा मंडल, फैशन डिजाइनर इंद्रनील मुखर्जी, लूना चटर्जी, काकोली विश्वास, ऋतु नंगालिया जायसवाल, दीपांजना दत्ता, ओइन्द्रिला रे कपूर, रिंकी मजूमदार सहित कई लोग मौजूद थे.

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