टेबल टेनिस खिलाड़ी सुतीर्था मुखर्जी को अपराजिता सम्मान

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अपराजिता इत्तेफाक नहीं बल्कि भगवान का भेजा हुआ संदेश: रुचिका गुप्ता


कोलकाता,(नि.स.)l गत सोमवार को सन्मार्ग और धूत ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में अपराजिता सम्मान के दसवें संस्करण का आयोजन किया गया था. 

मालूम हो कि अपराजिता उन महिलाओं का सम्मान करता है जिन्होंने चुनौतियों का सामना कर अपने मुकाम को हासिल किया है.

मौके पर टेबल टेनिस खिलाड़ी सुतीर्था मुखर्जी को अपराजिता सम्मान से नवाजा गया. 

आपको बता दें, सुतीर्था मुखर्जी(25) एक भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय टेबल टेनिस चैम्पियनशिप जीती तथा 2018 राष्ट्रमण्डल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता टीम में भी थी. इस वर्ष सुतीर्था ने देश की नम्बर वन टेनिस प्लेयर मनिका बत्रा को मात देकर टोक्यो ओलंपिक्स के लिए क्वालिफाई किया था. सुतीर्था टेबल टेनिस (महिला एकल) में पुर्तगाल की फू-यू के साथ खेलने के लिए मैदान में उतरी थीं. उन्होंने बेहद शानदार परफॉर्मेंस के साथ अपने प्रतिद्वंद्वी फू-यू का मुकाबला किया. लेकिन आगे चलकर वे मैच हार गईं.
कार्यक्रम के दौरान सूतीर्था से जब यह पूछा गया कि टोक्यो ओलंपिक्स आपकी ज़िन्दगी का पहला ओलंपिक्स था, इससे आपको क्या सीखने को मिला, के जवाब में उन्होंने कहा, जी हां, ओलंपिक्स खेलना मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा सपना था. उसी दौरान मैं नोवाक जोकोविच, मैरी कॉम, पीवी सिंधू, मीराबाई चानू इत्यादि जैसे विख्यात खिलाड़ियों से मिली. मुझे उन सबके लाइफस्टाइल, रूटीन इत्यादि से रूबरू होने का मौका मिला और वहीं मेरे लिए धरोहर साबित हुई है.

‘अपराजिता सम्मान मेरे लिए काफी गर्व की बात है, सम्मान हमेशा प्रोत्साहित करती है,’ जी हां, सूतीर्था से अपराजिता सम्मान  के बारे में पूछने पर उन्होंने उपरोक्त बातें कही.
नए खिलाड़ियों को क्या संदेश देना चाहेंगी, पूछने पर सूतीर्था ने कहा, चाहे वह कोई भी खेल हो उसे हमेशा प्रोफेशनली लेनी चाहिए. इसके अलावा मेहनत करना बेहद ज़रूरी है.
वहीं अपराजिता सम्मान के आयोजकों में से प्रमुख श्रीमती रुचिका गुप्ता ने उपरोक्त सम्मान के बारे में बातचीत करते हुए कहा, कुछ समय पहले अपराजिता सम्मान को लेकर एक चर्चा चाय के टेबल पर शुरू हुई थी, जो आज एक पहचान बन चुकी है. मेरे ख्याल से यह कोई इत्तफाक नहीं है बल्कि भगवान का भेजा हुआ संदेश है, जिस पर मैं अमल कर रही हूं. दूसरों की सफलता पर गौरवान्वित होना, उनकी खुशी में आपको भी उतनी ही खुशी मिले जितना कि उन्हें, मेरे ख्याल से इससे बड़ी आत्मीयता और कुछ हो ही नहीं सकती. अपराजिता के इस पूरे सफर के दौरान मैंने यही सीखा है. 

उन्होंने आगे कहा, अपराजिता अवार्ड के लिए हम जिसे भी चुनते हैं, हमेशा भगवान को साक्षी मानकर ही चुनते हैं. भगवान ने पिछले 10 वर्षों से हमें सही व्यक्ति का चुनाव करने के लिए सम्पूर्ण साथ दिया है. आगे भी चाहूंगी, ईश्वर हमें वही शक्ति दें.
रुचिका का कहना है, मेरे ख्याल से हर औरत अपराजिता है जिन्होंने ज़िन्दगी में कभी हार नहीं मानी है. अगर आपकी जानकारी में कोई ऐसी महिला हैं जिन्हें आप अपराजिता समझते हैं कृपया हमें बताएं ताकि हम उनको अपना मंच प्रदान कर सकें.

इस अवसर पर मधु नेवटिया, विवेक गुप्ता, विधायक सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे.

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