संगठित वैश्य समाज देश की प्रगति के लिए आवश्यक : अशोक अग्रवाल
कोलकाता: “देश की प्रगति में वैश्य समाज की अहम भूमिका रही है। सदियों से इस समाज के लोगों ने तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए व्यापार-वाणिज्य को बढ़ाया जिससे एक ओर तो रोजगार सृजित हुआ दूसरी ओर सरकार को कर के रूप में भारी धनराशि मिली जिससे परियोजनाओं के माध्यम से विकास का काम किया गया। संगठित वैश्य समाज देश और दुनिया की जरूरत है।” अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने ये बातें पश्चिम बंगाल शाखा द्वारा साल्टलेक के गोल्डन ट्यूलिप होटल में आयोजित एक अंतरंग गोष्ठी में कही। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल शाखा के अध्यक्ष सुशील चौधरी, महासचिव प्रदीप लुहारीवाला; कोषाध्यक्ष अमित धनानिया सहित वैश्य समाज के विभिन्न घटकों के महत्वपूर्ण पदाधिकारी उपस्थित थे।
श्री अग्रवाल ने कहा कि आज वैश्य समाज सिर्फ व्यापार-वाणिज्य तक सीमित नहीं है बल्कि जीवन के सभी क्षेत्रों में उसकी सम्मानजनक उपस्थिति है। प्रशासनिक सेवाओं में भी वैश्य प्रतिभाओं की भरमार है। वैश्य समाज के सभी धड़े एकजुट होकर आगे बढ़ें तो देश और समाज का कायाकल्प हो सकता है।
सुशील चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में वैश्य समाज के प्रसार की बहुत संभावनाएं हैं। एक समय यह राज्य उद्योग और व्यापार में देश का सिरमौर था। आज भी यहां उद्यमिता के अनेकों अवसर हैं। स्थानीय वैश्य समाज के सभी घटकों को जोड़कर इस दिशा में कारगर काम हो सकता है। महासचिव प्रदीप लुहारीवाला ने कहा कि वैश्य समाज के युवाओं को सही मार्गदर्शन एवं आर्थिक सहयोग देकर आगे बढ़ाने की जरूरत है।
इस अवसर पर महासम्मेलन के जयपुर से आये डॉ एस एस अग्रवाल ने कहा कि नियमित संवाद और निर्दिष्ट परियोजना के द्वारा समाज को जोड़ना आसान है। खंडेलवाल समाज की ओर से सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर ध्यान केंद्रित करके समाज को उसका फायदा पहुंचाने से समाज में जागृति बढ़ती है और नई पीढ़ी भी नेक काम करने को आगे आती है।
इस अवसर पर उपस्थित रहने वालों में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष विपिन राम अग्रवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रतन लाल अग्रवाल, विजय गुजरवासिया, सुदेश अग्रवाल, कोलकाता थंडरबोल्ट के प्रणेता पवन कुमार पाटोदिया, रामकिशोर लुहारीवाला, सतीश अग्रवाल, कमलेश गुप्ता, आत्माराम मोदी(जयपुर), अनंत दूगड़, सुजीत कुमार अग्रवाल, आशीष मित्तल, विकास जायसवाल, राजीव जयसवाल, धर्मेंद्र जायसवाल, राजनारायण जायसवाल, विकास नांगलिया, मनोज पगरिया, विकास सराफ, संतोष कुमार साव, रामेश्वर साव, सुनील जायसवाल, राजेन्द्र प्रसाद सुरेका व अन्य प्रमुख थे।