सिम्बायोसिस नृत्य और संगीत इंस्टीट्यूट ने मनाया 14वां वार्षिक उत्सव

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कोलकाता में सिम्बायोसिस नृत्य और संगीत इंस्टीट्यूट ने रवींद्र वकार भवन, सल्ट लेक में अपनी 14 वीं वर्षगांठ मनाई। इस कार्यक्रम का इस उत्सब को भारत नाट्यम के प्रख्यात गुरु रवींद्र भारती विश्वविद्यालय का सहायक प्रोफेसर राहुल देव मंडल उद्घाटन किये । उन्होंने कहा कि नृत्य और संगीत भारतीय परंपरा और संस्कृति का अभिन्न अंग है। सहजीवी संस्थानों में नृत्य और संगीत युगल अधिक होते हैं। सरिता महाराणा एक प्रसिद्ध शास्त्रीय कलाकार हैं और श्रुति स्वान्यासिद्ध परंगमा मां-बेटी की जोड़ी ने हमारी संस्कृति, नृत्य और संगीत को लोगों तक पहुंचाया है। सम्ननित अतिथि के रूप में योग देकर ओडिशी नृत्य गुरु राजीव भट्टाचार्य,ने कहा कि शास्त्रीय संगीत और ओडिसी नृत्य के माध्यम से भारतीय कला संस्कृति को पुनर्जीवित किया गया है। इस संस्था के प्रयास प्रशंसा के पात्र हैं। सिम्बायोसिस नृत्य और संगीत संस्थान संपादक शास्त्रीय संगीत गुरु सरिता महाराणा ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। प्राथमिक संगीत संस्थान के छात्रों ने प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सरिता महाराणा द्वारा गाया गया शास्त्रीय संगीत। छात्रों द्वारा प्रस्तुत रागमाला संगीत। उनके छात्रों ने दर्शकों के लिए विभिन्न नृत्य प्रस्तुत किए। इस दिन अल इंडिया नृत्य संगीत और चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता छात्रों को पुरस्कार प्रमाण पत्र प्रदान किए गए । अंत में, सह-संपादिका श्रुति स्वयंसिद्धा ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

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