बंग भाषी महासभा फाउंडेशन की ओर से अंतर्राष्ट्रीय बंगाली सम्मेलन और पुरस्कार समारोह का आयोजन
कोलकाता, (नि.स.)l बंग भाषी महासभा फाउंडेशन (बीबीएमएफ) ने हाल ही में नई दिल्ली में विश्व युवक केंद्र में एक प्रतिष्ठित सभा की मेजबानी की, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बंगालियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया. श्री तथागत रॉय (त्रिपुरा, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल), श्री विप्लब रॉय (सद्भावना राजदूत, आईआईए भारत, आधिकारिक भागीदार यूनेस्को), बीबीएमएफ के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. परिमल मंडल और महासचिव डॉ. शुभ्र चक्रवर्ती और भारत, बांग्लादेश, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और जर्मनी के विशिष्ट अतिथियों ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई. सम्मेलन में कला, साहित्य, संस्कृति, स्वास्थ्य सेवा, सामाजिक सेवा, उद्यमिता, प्रबंधन, पत्रकारिता और सिनेमा सहित विभिन्न क्षेत्रों में बांग्ला बोलने वालों की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया. बंगाली विश्व स्तर पर चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है. यूनेस्को द्वारा इसे “सबसे मीठी भाषा” के रूप में मान्यता भी दिया गया है. इसकी उत्पत्ति 3500 ईसा पूर्व होने के बावजूद, इसे अभी तक भारत सरकार द्वारा शास्त्रीय भाषा के रूप में स्वीकार नहीं किया गया है. उपरोक्त सम्मेलन अपनी भाषा और विरासत की वकालत करने के लिए दुनिया भर के बंगालियों को एक छत के नीचे एकजुट करने के महत्व को रेखांकित करता है. बीबीएमएफ का प्राथमिक उद्देश्य सीमाओं के पार बंगालियों के बीच एकता को बढ़ावा देना, बांग्ला संस्कृति और मूल्यों को पुनर्जीवित करना और भारत और विश्व स्तर पर बांग्ला भाषा और इसके बोलने वालों की स्थिति को ऊपर उठाना है. जिस तरह बंगालियों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उसी तरह आज प्रतिभाशाली बंगाली दुनिया भर में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. इस प्रकार, बीबीएमएफ का लक्ष्य इस विरासत का सम्मान करना और बंगाली भाषा और संस्कृति को अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाना है.