यदि द्वितीय विश्व युद्ध के परिणाम अलग होते तो नेताजी की भूमिका क्या होती, अपनी किताब ‘ए बर्ड फ्रॉम अफार’ में अंशुल चतुर्वेदी ने अपने काल्पनिक विचार प्रकट कीये
नई दिल्ली: रोजाना दिनचर्या की एक शाम, इतिहास के चैप्टर के साथ, जिसमें युग पुरुष सुभाष चंद्र बोस पर वरिष्ठ पत्रकार...