ईस्टर्न हेमेटोलॉजी ग्रुप ने कोलकाता में ‘ईस्टर्न इंडिया ब्लड, मैरो एंड सेल्युलर थेरेपी मीट 2024’ के दूसरे संस्करण का आयोजन किया

Spread the love

कोलकाता, जुलाई 2024: ईएचजी (ईस्टर्न हेमेटोलॉजी ग्रुप) ने कोलकाता में बोन मैरो ट्रांसप्लांट पर ‘ईस्टर्न इंडिया ब्लड, मैरो एंड सेल्युलर थेरेपी मीट 2024’ (ईआईबीएमसीटी मीट 2024) के दूसरे संस्करण का आयोजन किया। यह पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में ईस्टर्न हेमेटोलॉजी ग्रुप द्वारा आयोजित अपनी तरह का अनोखा सम्मेलन था। ईएचजी एक संगठन है जिसमें पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत के 11 राज्यों के हेमेटोलॉजिस्ट और हेमाटो-ऑन्कोलॉजिस्ट शामिल हैं।

हेमेटोलॉजिस्ट और हेमाटो-ऑन्कोलॉजिस्ट, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, बीएमटी चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और बीएमटी से जुड़े अन्य सहायक कर्मचारियों और साथ ही सरकारी अधिकारी और गैर सरकारी संगठनों सहित 250 से अधिक स्वास्थ्य-सेवा विशेषज्ञों ने बीएमटी अभ्यास को मजबूत करने के लिए अपने ज्ञान, अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने और पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में बीएमटी पर भविष्य की योजना के बारे में चर्चा करने के लिए 2-दिवसीय सम्मेलन में भाग लिया।

उद्घाटन कार्यक्रम में निम्नलिखित लोग शामिल हुए: श्री नारायण स्वरूप निगम, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार; डॉ. कौस्तव नायक, चिकित्सा शिक्षा निदेशक, पश्चिम बंगाल सरकार; डॉ. सिद्धार्थ नियोगी, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार; प्रो. (डॉ.) राजीब दे, हेमटोलॉजी विभाग, एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और ऑर्गनाइजिंग सचिव, ईआईबीएमसीटी, 2024; प्रो. (डॉ.) पिट बरन चक्रवर्ती, प्रिंसिपल, एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल; प्रो. (डॉ.) तूफान कांति दोलाई, प्रमुख, हेमटोलॉजी विभाग, एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल; प्रो. (डॉ.) रवींद्र कुमार जेना, सचिव, ईस्टर्न हेमेटोलॉजी ग्रुप (ईएचजी) और इंडियन कॉलेज ऑफ हेमेटोलॉजी के सचिव; प्रो. डॉ. नवीन खत्री, उप निदेशक, एसीटीआरईसी, टीएमएच मुंबई।

ईआईबीएमसीटी मीट 2024 के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी, प्रो. (डॉ.) राजीब दे ने कहा, “मैं पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत के विभिन्न भागों से भाग लेने वाले सभी सदस्यों को धन्यवाद देना चाहता हूँ। इस वर्ष ईआईबीएमसीटी 2024 के 2-दिवसीय सम्मेलन में हमने कार्यशालाओं एवं सत्रों का आयोजन किया जैसे बीएमटी में सहायक सेवाओं पर सत्र, प्रत्यारोपण संबंधी जटिलताओं पर सत्र, सीएआर-टी सेल थेरेपी, फंड जुटाने, स्टेम सेल रजिस्ट्री, और इस क्षेत्र में बीएमटी सर्वाइवर्स लोगों के लिए समर्पित सत्रों जैसी कई नई गतिविधियों को शामिल किया। बोन मैरो ट्रांसप्लांट के उपर भविष्य की योजना और सहयोग के अलावा, हमने बीएमटी को सभी के लिए सस्ती और सुलभ बनाने के लिए सरकारी प्रशासकों के साथ बैठकें भी कीं।“

प्रो. (डॉ.) राजीब दे ने आगे कहा, “जैसा कि हम जानते हैं, बोन मैरो ट्रांसप्लांट ल्यूकेमिया, अन्य रक्त कैंसर, थैलेसीमिया और अन्य वंशानुगत रक्त विकार, अप्लास्टिक एनीमिया और अन्य बोन मैरो विफलता विकारों जैसे अधिकांश जीवन-घातक हेमेटोलॉजिकल विकारों के लिए उपचारात्मक उपचार है। यह पूर्वी भारत के कुछ केंद्रों में की जाने वाली चिकित्सा की एक बहुत ही परिष्कृत और उपचारात्मक पद्धति है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट के उपर आयोजित यह सम्मलेन बीएमटी अभ्यास में क्रांति लाने के लिए बहुत कारगर साबित होगा। मुझे उम्मीद है कि ईआईबीएमसीटी मीट 2024 भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में बीएमटी सेवाओं और प्रैक्टिस का विस्तार करेगा और इस क्षेत्र में बीएमटी रोगियों के लिए बेहतर देखभाल की ओर अग्रसर होगा।“

सम्मेलन में भाग लेने वाले पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम और छत्तीसगढ़ के 13 बीएमटी केंद्र थे: 1) एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, कोलकाता; 2) आईएचटीएम-मेडिकल कॉलेज, कोलकाता; 3) टाटा मेडिकल सेंटर, कोलकाता; 4) अपोलो मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कोलकाता; 5) नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, हावड़ा; 6) सरोज गुप्ता कैंसर सेंटर एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट, कोलकाता; 7) एचसीजी ईकेओ कैंसर सेंटर, कोलकाता; 8) एससीबी मेडिकल कॉलेज, कटक; 9) आईएमएस एंड एसयूएम हॉस्पिटल, भुवनेश्वर; 10) पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल, पटना; 11) गौहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, गुवाहाटी; 12) बी बरुआ कैंसर इंस्टीट्यूट, गुवाहाटी 13) बाल्को मेडिकल सेंटर, रायपुर।

Author