नाटक दयाशंकर की डायरी ने प्रस्तुत की सपनों के टूटने की व्यथा

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कोलकता,(नि.स.)l एकल नाटक दयाशंकर की डायरी एक ऐसे युवा अभिनेता की कहानी है, जो एक्टर बनने मुंबई आता है लेकिन मजबूरी में एक ऑफिस में क्लर्क की नौकरी करने को विवश हो जाता है. थोड़ी सी पगार में घर वालों की जरूरतों को पूरी करते रहने के कारण वह हमेशा तंग हाल रहता है. दफ्तर के माहौल से दुखी दयाशंकर को इसी बीच अपने साहब की बेटी से इकतरफा प्यार हो जाता है. वह उससे शादी करने का सपना देखने लगता है, जबकि लड़की अपने धनवान दोस्त से शादी कर लेती है. इससे दयाशंकर टूट जाता है. ऐसा ही जीवन दयाशंकर की डायरी नाटक में देखने को मिला. शनिवार को ज्ञान मंच में इस नाटक का मंचन हुआ. जहां अभिनेता पुण्य दर्शन गुप्ता के एकल अभिनय की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया. दयाशंकर की डायरी की रचनाकार नादिरा जहीर बब्बर हैं. इस एकल नाटक का निर्देशन खुद पुण्य दर्शन गुप्ता ने किया है. इसमें संगीत ऊत्सो भट्टाचार्या ने दिया है. नाटक को सफल बनाने के पीछे एनजीओ मी एंड माय फ्रेंड्स का सम्पूर्ण योगदान रहा.
मौके पर प्रसिद्ध ओड़िसी डांसर माया भट्टाचार्या ने परफॉर्म भी किया. बतौर चीफ गेस्ट के तौर पर विशिष्ट नाटककार शिव कुमार झुनझुनवाला मौजूद थे.

कार्यक्रम के दौरान पुण्य दर्शन गुप्ता ने कहा, इस नाटक को अंजाम देने की खातिर मैंने नदीरा ज़हीर बब्बर जी की लिखी हुई किताब दयाशंकर की डायरी को काफी बार पढ़ा है. उन्होंने आगे कहा, आज पहली बार महानगर में परफॉर्म करने जा रहा हूँ इसके लिए मैं काफी उत्साहित हूं.

आपको बता दें, पुण्य दर्शन गुप्ता ने कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है जिनमें ये जवानी है दिवानी उल्लेखनीय हैं.

वहीं शिव कुमार झुनझुनवाला ने कहा, 62 साल तक मैं थियेटर जगत से जुड़ा रहा. आज मेरी उम्र 82 की हो गई है. इतना कह सकता हूँ कि थियेटर बहुत कुछ देता है.

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