लघु उपन्यास एवं कविता चक्र को मिलाकर बनी है एचिंग्स ऑफ द फर्स्ट क्वार्टर ऑफ 2020

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किताब का विमोचन टॉलीवुड अभिनेत्री स्वस्तिका मुखर्जी के हाथों हुआ


कोलकाता, नि.स। मशहूर लेखक सबर्न रॉय का कहना है, जब मैं डार्क साइट ऑफ द माइंड विषय पर बोलने के लिए टाटा लिटरेरी स्टील मीट में हिस्सा लेने गया था, तो मैंने वहां कई सारे सेशंस को सुना एवं वहां मौजूद कई विख्यात लोगों से भी मेरा मिलना हुआ. रात को ताज बंगाल होटल में ऑर्गनाइजर्स एवं सभी लेखक डिनर पर भी मिले. उसके बाद जब मैं गाड़ी में सवार होकर घर लौट रहा था, तो मैंने सोचा कि इस पूरी घटना को मेरी लड़की के समक्ष किस तरह से पेश करूं. तो मेरे मन ही मन जवाब आया कि क्यों न मैं 19 वीं सदी के मशहूर फिलोसॉफऱ हेगेल ने जिस लिहाज से डुआलिज़्म के बारे में सोचा था उसी अंदाज में मैं पूरी घटना को बयां करूं. और मैंने उसे बताया कि हर किसी की ज़िंदगी में डुआलिज़्म शामिल है.तब जाकर मेरी छठवीं किताब में जो लघु उपन्यास है उसकी कल्पना की गई. जी हां, मशहूर लेखक व इंजीनियर श्री सबर्न रॉय ने हाल ही में यहां अपनी छठवीं किताब ‘एचिंग्स ऑफ द फर्स्ट क्वार्टर ऑफ 2020’ के विमोचन के दौरान ऐसी बातें कहीं.
गत बृहस्पतिवार को महानगर में इसका विमोचन टॉलीवुड अभिनेत्री स्वस्तिका मुखर्जी के हाथों हुआ.
आपको बता दें, इस किताब में लघु उपन्यास के साथ कविता चक्र भी है, जिसमें आपको 20 तेज़ धार वाली कविताएं मिलेगी.


इस किताब की कीमत क्रमश: 75 रुपये (किंडल),149 (पेपर बैक एडिशन)/ 299(हार्ड बाउंड एडिशन) रखी गई है. इसे लेडस्टार्ट पब्लिशिंग ने प्रकाशित किया है.
जब सबर्न से ये पूछा गया कि इस किताब में आपने लघु उपन्यास एवं कविताओं को एक साथ क्यों रखा है, के जवाब में उन्होंने कहा, अगर आप कविताओं को पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि प्रत्येक कविता में एक कहानी छिपी है. और आपको ये भी पता चलेगा कि किस तरह से अस्तित्व की खोज में एक कवि अपने ऑल्टर ईगो से लड़ रहा है. मेरे ख्याल से लघु उपन्यास एवं कविताओं के बीच एक कॉमन स्पेस है और इसलिए लघु उपन्यास एवं कविताओं को एकसाथ रखा गया है.
वैसे मैं किताबें अपने लिए लिखता हूँ, लिखने से मन साफ होता है, जी हां, जब सबर्न से उनके लिखने की प्रेरणा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कुछ ऐसा ही कहा.
कार्यक्रम के दौरान एक ऑडियो वीडियो प्रेजेंटेशन भी रखा गया था.
मौके पर उपस्थित स्वस्तिका से जब सबर्न की लेखनी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ज़िंदगी को देखने का उनका नज़रिया लाजवाब है, बल्कि यूं कहूंगी कि वे वास्तविक घटनाओं को ही प्रस्तुत करते हैं. उनकी लिखी हुई कहानियों के अंत में एक ऐसा मोड़ आता है, जहां से एक जिज्ञासा पैदा होती है. 


जब स्वस्तिका से उनके पसंदीदा लेखक के बारे में पूछा गया तो जवाब में उन्होंने माइकल मधुसूदन दत्त का नाम लिया.
इस अवसर पर मशहूर सरोद वादक पंडित तेजेन्द्र नारायण मजूमदार, पृथ्वीराज चौधरी, अभिषेक कुंडू, कौशानी घोष सहित कई गण्यमान्य लोग मौजूद थे.

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