पहले वैशाख के दिन सम्मानित होंगे सौरव गांगुली, नचिकेता चक्रवर्ती, पंडित अजय चक्रवर्ती सहित कई दिग्गज बंगाली
बंगाली मतलब एक परिवार जैसा है: कोयल मल्लिक
कोलकाता, (नि.स.)l आईएएस ऑफिसर रह चुके न्यूक्लियस पब्लिकेशन यानि डाना मैगज़ीन के संपादक दीप चक्रवर्ती को अपने काम की खातिर देश-विदेश की यात्रा करनी पड़ती है. उस दौरान उन्होंने देखा कि योग्यता होने के बावजूद भी बंगालियों को हर जगह अवहेलना का शिकार होना पड़ता है. तभी से ही उन्होंने ठान लिया था कि एकदिन वे समाज के उन गुणवान बंगालियों को सम्मानित करेंगे जिन्होंने समाज के लिए कुछ किया है. देखते ही देखते वह दिन आ ही गया. उनकी पत्रिका डाना इस वर्ष 15 वें साल में पदार्पण कर रही है और इसी खुशी में उनकी संस्था 15 अप्रैल 2021 यानी पोइला बोइसाख के दिन सबसे श्रेष्ठ बंगालियों को गोर्बेर बंगाली 2021 नामक अवार्ड देने जा रही है. बाईपास स्थित आईटीसी रॉयल बंगाल होटल में इसका आयोजन होने जा रहा है.गत शनिवार को आईटीसी रॉयल बंगाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान डाना पत्रिका के सम्पादक दीप चक्रवर्ती ने इसकी घोषणा की.
उन्होंने आगे कहा, कोई भी बंगाली एक दूसरे बंगाली की मदद कभी नहीं करता है. मुझे लगता है अगर सभी बंगालियों को एक सूत्र में बांधा जाए तो कुछ अलग होने की उम्मीद की जा सकती है.
आपको बता दें, अवार्ड पाने वालों में से पूर्व भारतीय खिलाड़ी सौरव गांगुली, सिंगर पंडित अजय चक्रवर्ती, नचिकेता, आरती मुखर्जी, शान, अन्वेशा दत्तागुप्ता, निर्देशक गौतम घोष, कौशिक गांगुली, ऑर्थर शीर्षेन्दू मुखोपाध्याय, पेंटर सुब्रत चौधरी, लिरिसिस्ट श्रीजातो, डांसर डोना गांगुली और बांग्लादेश के कौशिक हुसैन तापस प्रमुख हैं.
मौके पर उपस्थित टॉलीवुड अभिनेत्री कोयल मल्लिक ने कहा, एक बंगाली होने के नाते गोर्बेर बंगाली अवार्ड जैसे कार्यक्रम में मुझे शामिल करने के लिए आयोजको का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहती हूं. जब बंगालियों के इतिहास की बात आती है तो मुझे रवींद्रनाथ टैगोर, ऋषि अरविंद,राजा राममोहन रॉय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर की यादे ताज़ा हो जाती हैं, जिन्होंने बंगाल में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व मे अपना कीर्तिमान स्थापित किया है.
उन्होंने आगे कहा, बचपन में मां मुझे कहा करती थी कि जब कोई भावुक हो जाता है तभी वह रवींद्रनाथ टैगोर की कविताओं को गुनगुनाने लगता है. जब मैं बड़ी हुई तब जाकर मां की कही हुई बातों का तात्पर्य स्पष्ट हुआ.
कोयल ने पिछले साल हुए कोरोना महामारी की भयावहता के बारे में बातचीत करते हुए कहा, बचपन में मेरे पिता ने मुझे एक बात सिखाई थी, आमी भय कोरबो ना, भय कोरबोना, दुबेला मोरार आगे मोरबोना भाई मोरबोना,तरीखाना बॉयते गेले माझे-माझे तूफान मेले…..ये पंक्तियां भी रवींद्रनाथ टैगोर ने ही लिखी है, जो जिंदगी जीने के लिए प्रेरणादायक है. तो सही मायने में देखा जाए तो एक बंगाली को कविता मिल जाती है, वह चित्रकारी कर लेता है, इन सब से इतर बंगालियों में कहीं ना कहीं एक बात ज़रुर है.
कोयल ने आगे कहा, जब मैं शूटिंग के लिए विदेश जाती हूँ और वहां किसी भी बंगाली से मिलती हूं, तो मैं काफी उत्साहित हो जाती हूं. तब ऐसा लगता है मानो बंगाली मतलब एक परिवार जैसा है.
वहीं अभिनेता खराज मुखर्जी ने कहा, आज-कल साहसी बंगालियों का अभाव देखा जा रहा है. लेकिन बंगालियों में जो टैलेंट है और जो संस्कृति हमने पूरी दुनियां के सामने रखी है, सही मायने में गर्व करनेवाली बात है.
इसी बीच अन्वेशा जो कि अवार्डी लिस्ट में हैं, उन्होंने अपने वकतव्य में कहा, मेरे साथ जितने भी गुणी लोगों को गोर्बेर बंगाली 2021 सम्मान मिलनेवाली है, वे सभी उच्च कोटि के लोग हैं. उनके साथ एक मंच शेयर करना अपने आप में बहुत बड़ी बात है.
अवार्ड का मतलब पूछने पर अन्वेशा ने कहा, अवार्ड मिलने का मतलब मेरे लिए और भी दायित्व बढ़ जाना है.
आपको बता दें, बहुत जल्द अन्वेशा के गाने हिंदी फिल्म बांसुरी में सुनाई देंगे, जिसमें रितुपर्णा सेनगुप्ता ने अहम भूमिका निभाई है.
‘बंगाली जहां सबसे बुद्धिमान जातियों में से हैं, वहीं वे सबसे सनकी भी होते हैं, जी हां, कार्यक्रम के दौरान मशहूर सिंगर नचिकेता चक्रवर्ती ने अपने वक्तव्य में कुछ ऐसा ही कहा.
उन्होंने आगे कहा, मुझे इस अवार्ड फंक्शन के लिए दीप चक्रवर्ती ने एक गीत लिखने के लिए दरख्वास्त किया था, जो मैं जल्द से जल्द उन्हें सौप दूंगा.
दीप, आपकी इस अनोखी सोच के लिए दाद देना चाहूंगा. भगवान से यही निवेदन है कि आपकी हर एक मनोकामना पूरी हो जाए.