अपने परिजनों के कातिलों से बदला लेने की खातिर वो बना RAAVAN
कोलकाता,(नि.स)l हर एक इंसान के अंदर दो रुप छुपे होते हैं. एक अच्छाई, यानी राम का अवतार और दूसरा है बुराई, मसलन रावण. कभी-कभी बुराई पर जीत हासिल करने के लिए रावण का रुप धारण करना बेहद जरूरी हो जाता है. कुछ ऐसी ही एक विषय पर आधारित है टॉलीवुड सुपरस्टार जीत अभिनीत फिल्म रावण. जी हां, यह फ़िल्म ईद से ठीक कुछ समय पहले यानी गत शुक्रवार को रिलीज़ कर दी गई है. इसके निर्देशक एम एन राज हैं. इस फ़िल्म में जीत के अलावा लहोमा भट्टाचार्या, तनुश्री चक्रवर्ती, खराज मुखर्जी और विश्वनाथ बसु ने मुख्य भूमिका निभाई है.
फ़िल्म की कहानी: राम मुखर्जी (जीत) कॉलेज में मीडिया स्टडीज़ के अध्यापक हैं. उसी कॉलेज की एक लड़की राई चटर्जी (लहोमा) को दिल दे बैठता है. बात शादी तक पहुंच जाती है. इधर जर्नलिज्म की छात्रा होने की वजह से राई एक स्टिंग ऑपरेशन करती हैं, और उसके हाथों कई सुराग लग जाते हैं. इसके चलते कई समाज विरोधी तत्व उस तथ्य को मिटाने की खातिर राई के पीछे लग जाते हैं. आगे चलकर वे राई और राम के परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर देते हैं. आखिरकार राम अपना अवतार बदलकर रावण के रुप में कातिलों से अपना बदला लेता है.
कैसी लगी फ़िल्म: फ़िल्म की सबसे दिलचस्प विषय है, जीत का डेडली लुक और एक्शन. एक्शन वाकई अंतरराष्ट्रीय स्तर की है. इससे इतर जीत का अभिनय आपके दिल को चिर कर रख देगा. खासतौर पर यहां इस्तेमाल किये गए कुछ डायलॉग्स ‘जोदी रावण खमा करे देय, ताहोले रामायण आबार नतुन कोरे लिखते हबे, इत्यादि फ़िल्म में एक अलग भाव जोड़ते हैं. दूसरी तरफ इस पूरी फिल्म में लहोमा का अभिनय सामान्य रहा. हालांकि यह उनकी पहली फ़िल्म है. उनको अपने अभिनय में और निखार लानी होगी. जहां तक स्क्रिप्ट की बात आती है तो इसमें भी कुछ खामिया नज़र आती है. फ़िल्म में दो ट्रैक एक साथ चल रहे होते हैं. एक मौजूदा घटना और दूसरी, जो घटना पहले घट चुकी है. पहले घटी हुई घटना को फ्लैशबैक में दिखाया जाता तो और बेहतर होता. फ़िल्म एक एक्शन थ्रिलर है, लेकिन यह दर्शकों के दिमाग पर असर नहीं डालती है. सस्पेंस एलिमेंट्स की कमी यहां खलती है. कहानी साधारण सी लगने लगती है. यहां निर्देशक एमएन राज वो इंटेंसिटी ला नहीं पाए जिसकी सख्त जरूरत थी. अगर फ़िल्म के दूसरे पात्र की बात करें तो यहां पुलिस की भूमिका में विश्वनाथ बसु और तनुश्री चक्रवर्ती ने बेहतर काम किया है. वहीं खराज मुखर्जी की कॉमिक टाइमिंग देखने लायक थी. फिल्म का हर एक गीत कर्णप्रिय है. इसे बेहतरीन लोकेशन्स पर शूट किया गया है.
शुक्रवार को यहां इस फ़िल्म का प्रीमियर हुआ. फिल्म पर अपनी प्रतिक्रिया देती अभिनेत्री कौशानी मुखर्जी ने कहा कि फ़िल्म देखते- देखते मुझे दक्षिणी फ़िल्म आरआरआर जैसा फील आ रहा था. फ़िल्म सुपरहिट है. वहीं लहोमा ने कहा, जीत टेक्निकली बहुत
इस अवसर पर अभिनेता राणा मित्रा, रॉनित रॉय, विश्वनाथ बसु
सहित कई लोग मौजूद थे.